Wednesday, September 26, 2018

सवाल- नोटबंदी और जीएसटी के फैसलों को आप कैसे देखते हैं। क्या ये सफल हैं?

जवाब- नोट बंदी मूर्खतापूर्ण और डिजास्टर निर्णय था, इससे हासिल कुछ भी नहीं हुआ। जीएसटी बहुत पेचीदा और उलझा हुआ मुद्दा है। इसमें कई सारे रेट हैं और इसका उद्देश्य आंशिक रूप से पूरा नहीं हुआ। लेकिन यह डिजास्टर नहीं है। यह आसान हो सकता था। नोटबंदी का असर रोजगार पर पड़ा, हालांकि राजनीतिक रूप से नोट बंदी का फायदा भाजपा को मिला।

सवाल- मोदी सरकार की दो बड़ी कामयाबी और दो असफलताएं बताइए?

जवाब- पहली सफलता यह है कि प्रधानमंत्री पूरी शक्ति को बिना किसी चेलैंज के अपने पास रखे हुए हैं। बॉस कौन है इसमें कोई शक नहीं है। बहुत मजबूत शख्स के रूप में मोदी उभरे हैं। दूसरा, पड़ौसी देशों के साथ बेहतर संबंध सरकार ने बनाए हैं। मोदी ने पाकिस्तान के साथ भी सार्थक पहल की, पर कोई नतीजा नहीं निकला। दो असफलता हैं कि संवैधानिक मूल्य और धर्मनिरपेक्षता पर चोट पहुंची है। कुछ मंत्री गलत भाषा बोलते हैं। इतिहास की किताबों को फिर लिखा जा रहा है। नोटबंदी दूसरी सबसे बड़ी असफलता है।

सवाल- धारणा बन रही है कि जर्नलिस्ट या तो राइटिस्ट है या लेफ्टिस्ट है या एक्टिविस्ट है। वह टीवी पर जज की तरह फैसले सुना रहा

जवाब- पत्रकारों के राइटिस्ट और लेफ्टिस्ट होने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन प्रोपेगेंडा नहीं करना चाहिए। खबरों में अपने विचार नहीं मिलाना चाहिए। इस दौर में भी बहुत अच्छे पत्रकार और संस्थान हैं जो अपना कार्य बेहतर तरीके से कर रहे हैं। कुछ हमारे बीच में ही हीरो हैं- जैसे रवीश कुमार जिनकी खुद की अपनी आवाज है और भी कई हैं।
जवाब- मुझे लगता है कि सही-गलत को लेकर बड़े पत्रकारों की खुद की आवाज होती है। स्क्रॉल और वायर के अलावा भी बहुत बेहतर जर्नलिज्म किया जा रहा है। मीडिया के लिए कोई इमरजेंसी जैसी स्थिति नहीं है। न्यूज पेपर में यह कम देखने को मिलता है। ज्यादातर मीडिया अवसरवादी हो गए हैं, सेल्फ सेंसरशिप होना आवश्यक है। चैनल ब्लॉक करना भी सही नहीं है। हाल ही में हम (विभिन्न मीडिया कर्मी) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से मिले थे और डीटीएच ब्लॉक करने से रोकने का कहा था।
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को व्यभिचार की धारा 497 को खत्म कर दिया। कोर्ट ने कहा कि व्यभिचार अपराध नहीं है। इसके साथ ही यह भी कहा कि पति, पत्नी का मालिक नहीं है।शीर्ष अदालत आज एक अन्य अहम मुद्दे पर फैसला दे सकता है। इसमें तय किया जाएगा कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है या नहीं?
अयोध्या जमीन विवाद से जुड़ा है नमाज विवाद : मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है या नहीं इस पर कोर्ट बताएगा कि यह मामला संविधान पीठ को रेफर किया जाए या नहीं। तीन जजों की बेंच ने इस मुद्दे पर 20 जुलाई को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है : माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर सीधे अयोध्या के जमीन विवाद मामले पर पड़ सकता है। दरअसल, 1994 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है और इसके लिए मस्जिद अहम नहीं है। तब कोर्ट ने कहा था कि सरकार अगर चाहे तो जिस हिस्से पर मस्जिद है उसे अपने कब्जे में ले सकती है।

जमीन विवाद से पहले यह मामला निपटाना जरूरी : मुस्लिम पक्ष का कहना है कि उस वक्त कोर्ट का फैसला उनके साथ अन्याय था और इलाहाबाद हाईकोर्ट के जमीन बंटवारे के 2010 के फैसले को प्रभावित करने में इसका बड़ा किरदार था। इसलिए सुप्रीम कोर्ट का जमीन बंटवारे के मुख्य मामले में किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस मामले को निपटाना चाहिए। 

हाईकोर्ट ने जमीन तीन हिस्सों में बांटने का दिया था फैसला : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अयोध्या की 2.7 एकड़ विवादित जमीन को तीन बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था- एक हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया जाए। दूसरे हिस्से का मालिकाना हक निर्मोही अखाड़े को मिले और तीसरा हिस्सा रामलला विराजमान का प्रतिनिधित्व करने वाले पक्ष को मिले।

है। क्या आपको भी ऐसा लगता है?

Monday, September 10, 2018

बौद्धिक बातें उतनी ही महत्वपूर्ण

यूँ तो स्त्री-पुरुष को उत्तेजित करने के लिए दोनों के शरीर में कई 'इरॉटिक नर्व्स' होती हैं, लेकिन इन सबसे कहीं अधिक उत्तेजित करने का काम करता है मस्तिष्क या दोनों की बौद्धक क्षमता.
सीमा आनंद बताती है, 'आजकल हमारे समाज में एक शब्द बहुत इस्तेमाल हो रहा है— 'सेपिओसेक्शुअल'. इसका मतलब है कुछ औरतें सिर्फ़ बौद्धिक बातों से ही उत्तेजित होती हैं. करी़ब दो हज़ार साल पहले वात्स्यायन ने रिझाने की जिन 64 कलाओं की बात की है, उनमें से 12 मस्तिष्क से संबंधित हैं.''
''वो कहते हैं कि प्रेमियों को शाब्दिक पहेलियाँ खेलनी चाहिए. उनको विदेशी भाषा आनी चाहिए. अगर वो एक-दूसरे से किसी विषय पर अक्लमंदी से बात न कर पाएं तो वो प्रेम के खेल में पिछड़ जाएंगे और धीरे-धीरे दोनों के बीच आकर्षण जाता रहेगा.''
सीमा आनंद ने अपनी पुस्तक का एक पूरा अध्याय चुंबन की कला को समर्पित किया है. वो कहती है कि चुंबन की क्रिया में चेहरे की 34 और पूरे शरीर की 112 मांसपेशियाँ भाग लेती हैं.
सीमा आनंद की सलाह है, ''आप दिन में कुछ करें या न करें, सिर्फ़ एक चीज़ करें, आप अपने पार्टनर का दिन में एक बार ऐसा चुंबन लीजिएगा जो कम से कम 10 सेकेंड लंबा हो. मैंने काफ़ी शोध के बाद पाया है कि एक सामान्य चुंबन ज़्यादा से ज़्यादा 3 सेकेंड लंबा खिंचता है. तीन सेकेंड के बाद लोग सोचते हैं कि ये तो बहुत हो गया.''
''दस सेकेंड काफ़ी लंबा समय होता है. ये हमेशा प्रेमिका को याद रहता है क्योंकि इसका असर पड़ता है. ये बताता है कि आपके लिए मेरे जीवन में एक ख़ास जगह है. एक अच्छे चुंबन का आपके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है. देखा गया है कि इससे सिर का दर्द और रक्तचाप की बीमारी दूर हो जाती है.''
स्त्री-पुरुष शारीरिक संबंधों में 'पैर' भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, इस पर बहुत कम लोगों की नज़र गई है. सीमा आनंद का मानना है कि रिझाने की कला में पैर कुछ 'खास' होते हैं और महिलाओं को अपने चेहरे से ज़्यादा अपने पैरों की देख-रेख पर ध्यान देना चाहिए.
वो कहती हैं, ''हमारी सारी नर्व एंडिंग पैर में जा कर ख़त्म होती हैं. वो वैसे भी शरीर का सबसे संवेदनशील अंग होता है. आजकल हम अपने पैरों को जकड़ लेते हैं ऊँची एड़ी की सैंडिलों में. मेरा मानना है कि अगर आपको किसी को अपने पैरों के ज़रिए रिझाना है तो बैठिए, अपना सैंडिल उतारिए और अपना पैर थोड़ा इधर-उधर मोड़िए. उसे दिखाइए. वैसे भी ये शरीर के सबसे ख़ूबसूरत अंगों में से एक होता है.''
''बहुत से लोग अपने चेहरे पर बहुत 'मेक अप' लगा लेंगे, हाथों को 'मेनीक्योर' करा लेंगे, लेकिन पैरों पर ध्यान नहीं देंगे. उनकी एड़ियाँ फटी रहेंगी. अपने पैरों को हमेशा सुंदर बनाने का कोशिश करिए क्योंकि ये आपके शरीर का सबसे 'सेक्सी' अंग होता है. ''
सेक्स में खाने की भी अपनी अहमियत है. क्या खाया जाए, कब खाया जाए, कितना खाया जाए और कैसे खाया जाए, इन सबके कुछ न कुछ मायने हैं.
सीमा आनंद बताती हैं, ''अगर सेक्स से पहले खाना खा लिया जाए तो हमारे 'रेफ़लेक्सेज़' धीमे पड़ जाते हैं और खाने को पचाने में आपके शरीर की सारी ऊर्जा लग जाएगी. सेक्स के लिए न तो ऊर्जा बचेगी और न ही इच्छा.''
खाना हमेशा सेक्स के बाद खाना चाहिेए और अच्छा खाना खाना चाहिए. वात्स्यायन कहते हैं कि इस समय प्रेमी अपनी प्रेमिका को बहुत प्यार से खिलाता है. वो हर चीज़ को चखता है और अगर उसका स्वाद अच्छा हुआ तो उसे अपनी प्रेमिका की तरफ़ बढ़ाता है. हम अक्सर कहते हैं कि हम 'डेट' पर जा रहे है. किसी अच्छे रेस्तराँ में खाना खाएंगे.''
''लेकिन चाहे जितना अच्छा खाना हो जाए, जितनी अच्छी बातें हो जाएं या जितनी अच्छी फ़्लर्टिंग हो जाए, प्रेमी अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरते क्योंकि खाने के बाद शरीर की क्षमता पर तो असर पड़ता ही है.''में दी गई ख़बर के मुताबिक भारतीय सेना अगले चार से पांच सालों में 1,50,000 नौकरियों में कटौती कर सकती है.
थल सेना में बड़े स्तर पर की गई एक समीक्षा के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया है कि सेना को अपना प्रभाव बढ़ाने और भविष्य की लड़ाइयों के लिए तैयारी करनी चाहिए.
इस फ़ैसले की जानकारी रखने वाले दो अधिकारियों ने ये बात कही. इस समीक्षा के आदेश 21 जून को दिए गए थे.
सैन्य सचिव लेफ्टिनेंट जनरल जेएस संधु की अध्यक्षता में 11 सदस्यों के पैनल ने ये समीक्षा की है.
अभी तक व्हाट्सऐप से तलाक देने के मामले सामने आते थे, लेकिन एक मामले में जज ने आदेश ही व्हाट्सऐप कॉल के ज़रिए दे दिया.
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार झारखंड में हज़ारीबाग की एक अदालत के जज ने व्हाट्सऐप कॉल के ज़रिए आदेश दे दिया.
इस जज ने आरोप तय करते हुए कॉल के ज़रिए ही अभियुक्तों को मुकदमे का सामना करने का आदेश दिया. फिर जब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो शीर्ष अदालत ने इस तरह फ़ैसला देने पर नाराज़गी जताई और कहा कि ऐसे मज़ाक को अदालत में मंज़ूरी कैसे दी गई.
ये मामला 2016 के दंगों से जुड़ा है और पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनकी पत्नी निर्मला इसमें अभियुक्त हैं. में दी गई एक ख़बर में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा है कि घृणा फैलाने और भीड़ की हिंसा जैसे मामलों में शामिल लोग ख़ुद को राष्ट्रवादी नहीं कह सकते.
उन्होंने ये भी कहा कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए सिर्फ़ क़ानून ही पर्याप्त नहीं है बल्कि सामाजिक व्यवहार में बदलाव लाना भी ज़रूरी है.
इस मसले के राजनीतिकरण पर नाराज़गी जताते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि इसे राजनीतिक दलों से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए.
वेंकैया नायडू ने एक साक्षात्कार के दौरान ये बातें कहीं. उन्होंने ये भी कहा कि' भीड़ की हिंसा का चलन कोई नया नहीं है. पहले भी ऐसी घटनाएं होती रही हैं. जब आप किसी दूसरे की हत्या करते हैं तो ख़ुद को राष्ट्रवादी कैसे कह सकते हैं?'की एक ख़बर में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया है कि काम करने के बदले यौन संबंध की मांग करना या इसे स्वीकार करना भी रिश्वत माना जाएगा.
अधिकारी के मुताबिक संशोधित भ्रष्टाचार निरोधक क़ानून में रिश्वत की परिभाषा सिर्फ़ आर्थिक या धन के रूप में आकलन लायक संपत्ति तक सीमित नहीं रखी गई.
यौन संबंध की ऐसी मांग के मामले में सात साल जेल तक की सज़ा हो सकती है.

Wednesday, September 5, 2018

पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट गिरफ़्तार

गुजरात काडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को अहमदाबाद में सीआईडी के अधिकारियों ने गिरफ़्तार कर लिया है.
गुजरात के सीआईडी के महानिदेशक ने उनकी गिरफ़्तारी की पुष्टि की है और कहा है कि भट्ट से सीआईडी के गांधीनगर कार्यालय में पूछताछ की गई है.
उन्होंने कहा कि भट्ट को आज ही पालनपुर की एक अदालत में पेश किया जाएगा.
संजीव भट्ट की पत्नी श्वेता भट्ट ने बीबीसी गुजराती को बताया कि उनके पति को सुबह पुलिस घर से ले गई थी.
बताया जा रहा है कि जल्द ही पुलिस इस बारे में मीडिया को जानकारी देने के लिए प्रेस वार्ता कर सकती है.
मौजूदा प्रधानमंत्री और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की गाहे-बगाहे आलोचनाओं के कारण वे सुर्ख़ियों में रहते हैं.जीव भट्ट गुजरात काडर के आईपीएस अधिकारी हैं जिन्होंने  में गुजरात दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे.
उन्हें गुजरात सरकार ने साल 2015 में ही संजीव भट्ट को बर्खास्त कर दिया है.
भट्ट सोशल मीडिया पर काफ़ी सक्रिय हैं और वो अक्सर भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री मोदी के बारे में तल्ख़ टिप्पणियां करते रहते हैं.श्चिम बंगाल में विश्व हिंदू परिषद कथित लव जिहाद के ख़िलाफ़ घर-घर जाकर अभियान चला रहा है. इम्स ऑफ़ इंडिया में छपी ख़़बरनिक जागरण में ख़बर है कि सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप को कड़ी फटकार लगाई है.
कोर्ट ने कहा कि रियल एस्टेट के कारोबार में आम्रपाली समूह जैसा फ़्रॉड कोई और नहीं है.
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली ग्रुप के कई अधूरे प्रोजेक्ट्स पड़े हैं और निवेशक पैसे देने के बाद इधर-उधर भटक रहे हैं. भारत टाइम्स की रिपोर्टक भास्कर में छपी ख़बर के मुताबिक सीबीआई ने जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद का केस बंद करने का फ़ैसला किया है.
सीबीआई ने ये जानकारी दिल्ली हाई कोर्ट को दी और कहा कि उसे नहीं लगता कि नजीब के साथ कोई अपराध हुआ है.
वहीं, नजीब की मां का कहना है कि सीबीआई बड़े लोगों के दबाव में झुक गई है.
के मुताबिक भारत का पूर्वोत्तर राज्य नगालैंड बुरी तरह बाढ़ की चपेट में है. राज्य के तक़रीबन 600 गांव बाढ़ का नुक़सान झेल रहे हैं.
यहां बाढ़ की वजह से 12 से ज़्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं. 3,000 से ज़्यादा लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है और करोड़ों की संपत्ति नष्ट हो चुकी है.
बाढ़ के कारण राज्य का एक बड़ा हिस्सा बाकी हिस्सों से कट गया है.
केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों की एक टीम बाढ़ से हुए नुक़सान का जायजा लेने नगालैंड पहुंची है.
अदालत ने है कहा कि आम्रपाली में बड़ा घोटाला है और वो निवेशकों का एक-एक पैसा वसूल करके दोषियों को सज़ा दिलवाएगी.
के मुताबिक़ भारतीय सेना के प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि सेना को अपने फ़ायदे के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना चाहिए.
रावत ने कहा कि ऐसे वक़्त में जब सोशल मीडिया इतने व्यापक रूप से हर जगह मौजूद है, सैनिकों को स्मार्टफ़ोन से दूर रहने के लिए नहीं कहा जा सकता.
सेना प्रमुख ने ये बातें मंगलवार को सेना के कई बड़े अधिकारियों की मौजूदगी में 'सोशल मीडिया ऐंड द आर्म्ड फ़ोर्सेस' विषय पर अपने संबोधन में कहीं.
जनरल रावत ने कहा कि सेना सोशल मीडिया का इस्तेमाल घुसपैठ, आतंकवाद और प्रॉक्सी वॉर (छद्म युद्ध) से निबटने में कर सकती है.
उन्होंने कहा कि स्मार्टफ़ोन अब हमारे आस-पास रहने ही वाले हैं इसलिए हमें इन्हें अपने फ़ायदे के लिए इस्तेमाल करना सीखना होगा.
अंग्रेजी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़ वीएचपी ने इस अभियान के तहत एक लिस्ट बनाई है.
वीएचपी ने पैंफ़लेट और बुकलेट छपवाकर बताया है कि लव जिहाद की 'पहचान' कैसे करें.
  • मंगलसूत्र पहनिए और सिंदूर लगाइए
  • हिंदू त्योहार मनाइए
  • घर में धार्मिक माहौल बनाकर रखिए
  • अगर दूसरे धर्म में शादी करके 'फंस' गई हैं तो अपने पति का धर्मांतरण कराने की कोशिश कीजिए
  • पुलिस या विश्व हिंदू परिषद से संपर्क करें
पश्चिम बंगाल में इस अभियान में दुर्गा वाहिनी के  , और बजरंग दल के  , सदस्य हिस्सा लेंगे. विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता सौरिष मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने पहले ही ऐसे परिवारों की लिस्ट बना ली है जिनकी बेटियां लव जिहाद के 'ख़तरे' में हैं.

Sunday, September 2, 2018

कर्नाटक निकाय चुनाव नतीजे LIVE: कांग्रेस 870 सीटें जीती, BJP नंबर 2 पर

कर्नाटक निकाय चुनाव के नतीजे आने शुरू हो गए हैं. राज्य की 105 निकाय सीटों के 2709 वार्डों पर नतीजे घोषित किए जा रहे हैं. अभी तक सामने आए नतीजों में कांग्रेस ने काफी बड़ी बढ़त बना ली है.  
अभी तक 2709 वार्डों में से कुल 2338 वार्ड के नतीजे सामने आए हैं. इनमें से कांग्रेस ने 870, बीजेपी ने 815 और जेडी (एस) ने 307 सीटों पर जीत दर्ज की है. इनके अलावा 277 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है.
विधानसभा चुनाव के बाद एक बार कांग्रेस और जेडीएस एक दूसरे के खिलाफ लड़े हैं. यही वजह है कि निकाय चुनाव में कांग्रेस, बीजेपी और जेडीएस के बीच कांटे का मुकाबला है. बता दें कि 31 अगस्त को निकाय चुनाव के लिए वोट डाले गए थे.
इन सभी सीटों के निकाय चुनाव के वार्ड के लिए 8,340 उम्मीदवार थे. वहीं कांग्रेस के 2,306, बीजेपी के 2,203 और 1,397 जेडीएस के थे. इन चुनावों में EVM का इस्तेमाल किया गया था.
दिलचस्प बात ये है कि इस चुनाव में कई उम्मीदवारों को पार्टियों ने टिकट नहीं दी थी इसलिए वह निर्दलीय चुनाव लड़े थे. ऐसे में इन निर्दलीय के नतीजे भी बहुत मायने रखेंगे.
बता दें कि 2013 के निकाय चुनाव में 4976 सीटों में से कांग्रेस 1960 सीटें जीती थी. जबकि बीजेपी और जेडीएस ने 905 सीटों पर जीत हासिल की थी. इसके अलावा 1206 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज करने में सफल थे.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नहीं रहे. उन्होंने एम्स में गुरुवार को 5 बजकर 5 मिनट पर अंतिम सांस ली. 93 साल के वाजपेयी लंबे वक्त से बीमार थे और 2009 से व्हीलचेयर पर थे. उनके पिता पंडित कृष्णबिहारी वाजपेयी टीचर थे और मां कृष्णा देवी घरेलू महिला थीं.
अटल जी के परिवार में उनके माता-पिता के अलावा तीन बड़े भाई अवधबिहारी, सदाबिहारी और प्रेमबिहारी वाजपेयी और तीन बहनें थीं. उनकी प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिक्षा मंदिर, बाड़ा में हुई. इसके अलावा अटल जी के ग्वालियर में कई रिश्तेदार हैं. इनमें भतीजी कांति मिश्रा और भांजी करुणा शुक्‍ला हैं. वहीं, ग्वालियर में अटल जी के भतीजे दीपक वाजपेयी और भांजे सांसद अनूप मिश्रा हैं. 
हालांकि, अटल बिहारी वाजपेयी आजीवन अविवाहित रहे. लेकिन, 1998 में जब वे 7, रेसकोर्स रोड में रहने पहुंचे तो उनकी दोस्त राजकुमारी कौल की बेटी और उनकी दत्तक पुत्री नमिता और उनके पति रंजन भट्टाचार्य का परिवार भी साथ रहने आया. राजकुमारी कौल के बारे में बताया जाता है कि जब अटल प्रधानमंत्री थे तब कौल वाजपेयी के घर की सदस्य थीं. उनके निधन के बाद वाजपेयी के आवास से जो प्रेस रिलीज जारी की गई थी, उसमें उन्हें वाजपेयी के घर का सदस्य संबोधित किया गया था.
साल 2004 के लोकसभा चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी की तरफ से जमा किए गए शपथ पत्र के अनुसार अटल के नाम कुल चल संपत्ति 30,99,232.41 रुपये थी. वहीं पूर्व प्रधानमंत्री होने के नाते 20,000 रुपये की मासिक पेंशन और सचिवीय सहायता के साथ 6000 रुपये का कार्यालय खर्च भी मिलता था.
यदि अटल जी की अचल संपत्ति की बात करें तो 2004 के शपथ पत्र के अनुसार उनके नाम पर दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश में फ्लैट नं0 509 है. जिसकी 2004 के समय कीमत 22 लाख रुपये थी. वहीं अटल जी के पैतृक निवास शिंदे की छावनी कमल सिंह का बाग की 2004 के समय कीमत 6 लाख रुपये थी. इस तरह 2004 के शपथ पत्र के लिहाज से अटल जी की कुल अचल संपत्ति 28,00,000 रुपये थी.  
हालांकि, अभी अटल जी की वसीयत सामने नहीं आई है लेकिन साल 2005 में संशोधित हिन्दू उत्तराधिकार कानून के अनुसार यह संपत्ति उनकी दत्तक पुत्री नमिता और दामाद रंजन भट्टाचार्य को मिलने की उम्मीद है.